मानो तो सलाह

बार बार लोग पूछ रहे हैं फैक्टरी खोलें या न खोलें। मेरा आपसे प्रश्न है कि मान लो आपने फैक्टरी खोल ली और  आपका वर्कर फैक्ट्री में काम करके घर चला जाता है और आदत के अनुसार अपने दोस्तो के  साथ शराब पीता है उन्हीं दोस्तों में से किसी से कोरोना के विशाणु ग्रहण करता है। अगले दिन आप थर्मल स्क्रीनिंग करके उसे फैक्टरी में आने देते हैं और पूरे दिन में फैक्टरी के कई जिन्हों को संक्रमित कर देता है। यह क्रम चार पांच दिनों तक निरन्तर चलता रहता है। पांचवें दिन थर्मल स्क्रीनिंग के वक़्त तुम्हें पता चलता है कि आपका वर्कर संक्रमित है। पुलिस आती है और पता लगता है कि आपकी फैकटरी के कई लोग संक्रमित हैं। फैक्ट्री सील हो जाती है। पुलिस आपके साथ बदतमीजी करती है। लेनदेन होता है और आप मुंह लटकाकर घर आ जाते हैं। तीन दिन बाद आपको पता चलता है कि आप और आपके परिवार के सभी लोग भी संक्रमित हो जाते हैं। फिर आपके सगे सम्बन्धी गंगाराम, मैक्स आदि में अप्रोच लगाते घूम रहे हैं और आप 20 लाख के नीचे आकर आधे अधूरे परिवार से बाकी की जिंदगी गुजर करते हैं।


तो भाइयों भूल जाओ 2020 कमाने का वर्ष है यह जान बचाने का वर्ष है। जनहित में जारी।
Rajkumar