छल कपट से दूर रहें

मित्रों आज महाभारत के  एपिसोड में धर्मराज युधिष्ठिर भीष्म पितामह आचार्य द्रोणाचार्य और कुलगुरु कृपाचार्य के साथ अपने मामा से युद्ध का आदेश लेने के लिए रणभूमि में उनके करीब पहुंचते हैंl सभी के बीच संवाद होता हैl
 इसके उपरांत युधिष्ठिर दोनों ओर के योद्धाओं से उनकी निष्ठा को लेकर आग्रह करते हैं l वह कहते हैं कि यदि किसी को हमारे पक्ष में आना है तो आ सकता है और यदि किसी को कौरवों के पक्ष में जाना है तो जा सकता हैl  इसी बीच दुर्योधन का एक भाई कौरवों के शिविर को छोड़ पांडवों के पक्ष में आने का निर्णय लेता हैl  इस वृत्तांत के बाद एक बात समझ आई की युद्ध चाहे वैचारिक ही क्यों ना होयोद्धा को धर्म का साथ नहीं छोड़ना चाहिए l
अर्थात उदास होने की आवश्यकता नहीं है I अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए जीवन में बेहतर करने  का प्रयास करें l छल कपट से दूर रहेl  
Rajkumar Noida