छात्रों को कोविड 19 के दौरान उत्पन्न लाॅकडाउन में पर्यावरण की सुरक्षा और उनसे जुड़े प्रमुख केसों के संर्दभ मे ंजानकारी प्रदान करने हेतु एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी लाॅ स्कूल द्वारा ‘‘ पर्यावरणीय कानून’’ पर आज वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में दिल्ली उच्च न्यायालय की अधिवक्ता सुश्री जान्हवी शर्मा ने ‘‘ पर्यावरणीय कानून’’ पर छात्रों को जानकारी प्रदान की। इस वेबिनार में एमिटी लाॅ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय एंव एमिटी लाॅ स्कूल की एडिशनल डायरेक्टर डा शेफाली रायजादा समेत शिक्षकगण एंव छात्रगण उपस्थित थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय की अधिवक्ता सुश्री जान्हवी शर्मा ने ‘‘ पर्यावरणीय कानून’’ पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण संबंधी कानून पर्यावरण के संरक्षण व प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को नियत्रित करने में अहम भूमिका निभाते है। पर्यावरण रक्षा अधिनियम 1886 कें अर्तगत पर्यावरण की परिभाषा में जल, वायु, भूमि और मानव जाती सहित अन्य जीव जंतु, सूक्ष्म जीव के मध्य परस्पर संबध शामिल है। कानून कहता है कि मनुष्य के विकास में शमिल होने वाली या ना शामिल होने वाले सभी पौधों एंव जीवों महत्वपूर्ण है। सुश्री शर्मा ने न्यायिक सक्रियता के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि भारत संविधान विश्व का सबसे बड़ा रचित संविधान है जिसने हमें पर्यावरण कोे सुरक्षित रखने के अधिकार भी दिये है। पर्यावरण की सुरक्षा स्टेट की जिम्मेदारी है जिसमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका तीनों शामिल है। उन्होनें छात्रों को एमसी मेहता वर्सस कमलनाथ केस एंव किशन भगवान वर्सस स्टेट आॅफ महाराष्ट्रा केस की जानकारी प्रदान की। संविधान 19 (1) जी ने हर व्यक्ति को कोई भी व्यापार एंव जीविका चलाने की स्वतंत्रता दी है लेकिन कानून में उचित प्रतिबंध के नियम के साथ उदाहरण देते हुए कहा कि वर्तमान स्थिती में कोविड 19 से उत्पन्न लाॅकडाउन के कारण आपको कार्य करने एंव आने जाने पर रोक है यदि कुछ अतिआवश्यक कार्य संचालित है किंतु सरकार के आदेश के उपरांत ही और उक्त आदेश आप हम सभी की सुरक्षा के लिए ही है। उन्होनें कहा कि पर्यावरण के अधिकार एंव विकास का अधिकार हमारे मौलिक अधिकारों मे शामिल है। छात्रों को पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन या पीआईएल के संर्दभ मे ंजानकारी देते हुए कहा कि यह एक गैर पांरपरिक मुकदमेबाजी है जिसे किसी व्यक्ती द्वारा अपने निजी लाभ या अन्य उददेश्य की बजाय किसी व्यक्तियों के समूह के प्रभावित होने या इच्छा पर दायर किया जाता है। यह एक सामूहिक मुकदमेबाजी होती है और इससे धनोपार्जन नही कर सकते है। इस दौरान उन्होनें पीयूडीआर वर्सस यूनियन आॅफ इंडिया केस सहित कई अन्य केसों का उदाहरण भी दिया। उन्होनें छात्रों से कहा कि कोविड 19 के लाॅकडाउन के उपरांत पर्यावरण से जुडे कई नये तरह के केसों की चुनौती उत्पन्न होगी जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा अपने कौशल को विकसित करते हुए कानूनों के संर्दभ में अधिक जानकारी हासिल करनी चाहिए। उन्होनें छात्रों को घर मे रहने, प्लास्टिक की वस्तुए आदि का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह भी दी।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक अन्य वेबिनार में परफैक्ट माइंड के सीईओ एंव न्यूरो मनोचिकित्सक सलाहकार डा विकास जैन ने ‘‘महामारी में मानसिक स्वास्थय की चुनौतियां’’ पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आज हम सब अनिश्चितता के दौर में है जहंा हमें यह पता नही है कि यह सब कब समाप्त होगा और कोविड 19 द्वारा उत्पन्न लाॅकडाउन की समाप्ती के बाद आये बदलाव सें क्या नई चुनौतीयां उत्पन्न होगी। सबसे अधिक महत्वपूर्ण इस महामारी के दौरान अपने मानसिक स्वांस्थय को स्वस्थ रखना है। डा जैन ने कहा कि सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि क्या आपके नियंत्रण में है और क्या आपके नियंत्रण के बाहर है। सर्वप्रथम न्यूज चैनलों पर खबरें देखना कम करें और दिन में रोगीयों के बढ़ते आकड़े को गिनना बंद किजिए इससे हमारे मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और हमारे अंदर हताशा को बढ़ाता है। सोशल मीडिया का बहुत अधिक उपयोग ना करें और मिथक फैलाने के लिए बिलकूल ना करें। अपनी उर्जा का उपयोग सकारात्मक कार्यो में करें इसके लिए आप विभिन्न वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त कर सकते है। डा जैन ने कहा कि अपनी बातचीत एंव व्यवहार को नियत्रिंत रखें और पहले आप अक्सर कहते थे कि आपके पास अपने शौक के कार्यो के लिए वक्त नही मिलता। यही सही वक्त है शौकों को पूरा कर लिजिए। इसके अतिरिक्त आप लोगों के व्यवहार, भावनाओं, विचारों पर नियंत्रण नही कर सकते इसलिए इस पर ध्यान ना दें। डा जैन ने कहा कि एक बार जब आप जान लेगें किस पर आपका नियंत्रण है और किस पर नही है तो आप स्वंय को मानसिक रोगों से बचा सकेंगे। उन्होनें कहा कि आप कुछ समय गहरी सांस लें, अपने शरीर को खींच कर तनाव मुक्त करें। अपना मनपंसद गाना सुनें, मेडिटेशन करें, किताब का एक अध्याय पढ़े, घर के अंदर या बालकनी में टहलें और नये व्यंजन बनायें। ये सारे कार्य आपको तनाव मुक्त रखेंगे। डा जैन ने कहा कि इस वक्त का लाभ उठायें और सकारात्मक विचार को बढ़ावा दें और आशावान बनें।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक अन्य वेबिनार में समारे कंसलटिंग की संस्थापक एंव सीईओ सुश्री मारिया नुन्स वारेला ने ‘‘ ड्रोन्स एंव एआई: कोविड 19 संकट से अवसर तक’’ पर जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना हमारे विश्व के लिए कोई पहला वायरस नही है इसके पहले सार्स, मार्स आदि पहले आ चुके है। केवल यह अंतर है कि उनसे सामना करने के उपकरण अलग थे। कोविड 19 से पहले ड्रोन उद्योग की अलग अलग तरह की सीमायें थी और इसके परिक्षण का एक लंबा चरण था जिसमें आम जनता की निजता, सुरक्षा, पाॅयलट का सर्टिफिकेशन, ध्वनी के मानक आदि शामिल थे। सुश्री वारेला ने कहा किंतु कोराना के आते ही ड्रोन एक उपयोग बृहद रूप में डाटा जमा करने वाले उपकरण के रूप में होने लगा। इस ‘‘मुझे मत छुओं पर्यावरण’’ में ड्रोन एक बेहतरीन मित्र साबित हुआ है जिसका उपयोग विभिन्न कंपनियों द्वारा सामान डिलिवर करके रोग के संक्रमण फैलने को रोकने के लिए किया गया। कोविड 19 के दौरान ड्रोन का उपयोग प्राथमिक स्तर पर खड़े स्वास्थय रक्षकों को मेडिकल सप्लाई पहंुचाने, टेस्ट के नतीजों को प्रयोगशालाओं मे देने, कर्मचारीयों के स्वास्थ्य का निरिक्षण करने एंव सकंट के समय 24 घंटे नजर रखने के लिए किया जा रहा है। भारत सहित कई अन्य देशों में इसका उपयोग किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमे प्रख्यात फिल्म निर्माता सुश्री दीपा डे मोटवाने ने छात्रों एंव शिक्षको से बातचीत करके अपने अनुभवों को साझा किया। पिछले 35 वर्षो के अनुभवों में सुश्री मोटवाने ने कई फीचर फिल्म, टेलीविजन कार्यक्रम, वेब सीरीज का निर्माण किया है। उन्होनें अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मै अब भी बेहतर निर्माता बनने के लिए सीख रही हंू और यह निरंतर सीखने वाली प्रक्रिया है। उन्होनें कहा कि वे जिन लोगों के साथ काम करती है उनकी सफलता ही मेरी असली सफलता है। छात्रों से कहा कि अपने सपनो ंको पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करों। फिल्म निर्माण केवल पैसा निवेश करना नही है बल्कि रचानात्मक व्यक्तियों का अपनी रचना के प्रर्दशन का मौका देना और फिल्म निर्माण के हर क्षेत्र में आपकी मौजूदगी रहना आवश्यक है।
वेबिनार के अंर्तगत एल एंड टी म्यूचुअल फंड के रिजनल ट्रेनिंग मैनेजर श्री सुमित मनचंदा ने ‘‘ संकट के समय एंव उपरांत पर वित्तीय बाजार का प्रर्दशन पर अपने विचार रखे।
एमिटी विश्वविद्यालय मैं हुआ आयोजन